-देश में चलेगी दुनिया की पहली विद्युतीकृत ट्रैक पर डबल डेकर मालगाड़ी, परवान चढ़ने वाली है रेल मंत्रालय की महत्वाकांक्षी योजना
-मूल उद्देश्य मालगाड़ियों की रफ्तार में तेजी लाना
-बहुत तेजी से चल रहा है ट्रैक का निर्माण कार्य
विभूति कुमार रस्तोगी
नई दिल्ली। देश में मालगाड़ियों की रफ्तार तेज करने के लिए रेल मंत्रालय ने 2006 में एक नई योजना तैयार की जिसका नाम दिया डेडीकेटेड फ्रेट कोरीडोर (डीएफसी)। 30 अक्टूबर 2006 को रेल मंत्रालय ने अपने पूर्ण स्वामित्व में डीएफसी नाम से सार्वजनिक उपक्रम के रूप में पंजीकृत किया। इस कंपनी के मूल उद््देश्य में मालगाड़ियों की रफ्तार में तेजी लाना है।
मालगाड़ियों के लिए पूर्ण रूप से समर्पित रेलवे ट्रैक का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। मुंबई से दादरी (दिल्ली-एनसीआर)(पश्चिमी कोरिडोर) और लुधियाना से दांकुनी (पश्चिम बंगाल))(पूर्वी कोरिडोर) तक। लेकिन खास बात यह है कि दो कोरिडोर का जंक्शन प्वाइंट दादरी है। जो मालगाड़ी लुधियाना से दांकुनी जाएगी, वह दादरी होकर और मुंबई से जो मालगाड़ी आएगी, वह भी दादरी ही पहुंचेगी। यह दोनों रेलवे ट्रैक पूर्ण रूप से मालगाड़ी के लिए समर्पित होगा। इस पर कोई पैसेंजर ट्रेन नहीं चलेगी।
मतलब साफ है कि अभी मुंबई से जो मालगाड़ी दिल्ली करीब 4 में पहुंचती है, वह अब इस ट्रैक से महज एक दिन में पहुंच जाएगी। अब मालगाड़ियों का भी टाईम-टेबल होगा। इससे देश में व्यापार में जबरदस्त उछाल आएगा। इस योजना में दोनों कोरिडोर पर कुल 81 हजार करोड़ खर्च होने का अनुमान है। यह देश की सबसे बड़ी योजना है। इस योजना के लिए विश्व बैंक और जापान की जायका जैसी अंतर्राष्ट्रीय वित्त एजेंसियां मदद कर रही हंै। डीएफसी रेलवे ट्रैक विश्व का ऐसा पहला ऐसा रेलवे ट्रैक होगा जिस पर डबल स्टोरी (डबल डेकर) मालगाड़ी चलेगी। अभी पूरे विश्व में विद्युतीकृत डबल स्टैक कंटेनर कोरिडोर कहीं नहीं है।
दरअसल, देश में अभी तक सभी मालगाड़ियों का संचालन उन्हीं रेलवे ट्रैक पर होता है जिन पर राजधानी, शताब्दी, सुपर फास्ट ट्रेन, एक्सप्रेस ट्रेन, मेल ट्रेन, पैसेंजर ट्रेन आदि का संचालन हो रहा है। इन रेलवे ट्रैकों पर सभी ट्रेनों को पहले जाने दिया जाता है, फिर नंबर मालगाड़ियों का आता है। अन्य ट्रेनों को पार कराने के लिण् मालगाड़ियों को जगह-जगह छोटे-छोटे स्टेशनों पर घंटों खड़ा करवा दिया जाता है। एक ट्रेन को दिल्ली से कोलकाता या मुंबई से दिल्ली आने पर एक से दो दिन लगते हैं। वहीं मालगाड़ी को 4 से 6 दिन का समय लग जाता है। इससे व्यापारियों को काफी दिक्कत होती हैं। लिहाजा रेलवे ने सन 2005 के रेलवे बजट में देश में मालगाड़ियों के लिए अलग से डेडीकेटेड रेलवे ट्रैक बिछाने की बात कही थी। इसे डेडीकेटेड फ्रेट कोरिडोर नाम से शुरू किया गया।
पहले चरण में भारत सरकार ने लगभग 3342 किलोमीटर मार्ग की पूरी लंबाई दो कोरिडोर, पूर्वी और पश्चिमी कोरिडोर पर काम शुरू किया है। यह मुंबई से दादरी और लुधियाना से पश्चिम बंगाल के दांकुनी तक है। मुंबई से जो मालगाड़ी दादरी (दिल्ली-एनसीआर) आएगी, वह हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र राज्यों से गुजरेगी। वहीं जो लुधियाना से दांकुनी, पश्चिम बंगाल जाएगी, वह मालगाड़ी झारखंड, बिहार, उत्तर-प्रदेश और हरियाणा से होकर गुजरेगी।
भविष्य के कोरिडोर
1.    पूर्व-पश्चिम कोरिडोर (कोलकाता से मुंबई, 2330 किलोमीटर)
2.    उत्तर-दक्षिणी कोरिडोर (दिल्ली से चेन्नई 2343 किलोमीटर)
3.    पूर्वी तट कोरिडोर (खड़गपुर-विजयवाड़ा, 1100 किलोमीटर)
4.    दक्षिणी कोरिडोर (चेन्नई -गोवा, 899 किलोमीटर)
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कुछ विशेषताएं…
-फ्रेट कोरिडोर में लंबे समय तक प्रचालन के साथ प्रति रेल भार की मात्रा 5000 से बढ़कर 13000 टन हो जाएगी।
-मालगाड़ी की रफ्तार अधिकतम गतिमान मौजूदा समय में 75 से बढ़कर 100 किलोमीटर प्रति घंटा और औसत गतिमान 25 से 27 किलोमीटर प्रति घंटा से बढ़कर 60 से 65 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगी।
-इससे उद्योग जगत, व्यापार जगत, निर्यातक, आयातक, शिपिंग लाइन, रेलवे थोक ग्राहकों को काफी फायदा होगा।
-पहला फेज खुर्जा से कानपुर तक सन 2017 तक चालू हो जाएगा।
विश्व का पहला विद्युतीकृत डबल स्टैक कंटेनर कोरिडोर
डीएफसी बनने के बाद रेल माल भाड़ा के परिवहन में काफी परिवर्तन होगा। माल का परिवहन तेजी से होगा। परिवहन लागत में भी कमी आने का अनुमान है। इसके अतिरिक्त पश्चिमी कोरिडोर विश्व में पहला विद्युतीकृत डबल स्टैक कंटेनर कोरिडोर होगा। डीएफसी बनने के बाद मालगाड़ियों की गति बढ़ेगी। भारतीय रेल के मौजूदा रेलवे लइनों पर रेलगाड़ियों का भार कम होगा। इससे वर्तमान गाड़ियों की गति बढ़ने के साथ-साथ अतिरिक्त गाड़ियां चलाने के लिए लाइन क्षमता उपलब्ध होगी। डीएफसी बनने से जिन-जिन क्षेत्रों से डीएफसी की लाइनें गुजरेंगी, वहां पर औद्योगिक विकास में तेजी आएगी। पश्चिमी डीएफसी की लाइनों के साथ दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कोरिडोर कॉपोरेशन (डीएमआईसी) औद्योगिक क्षेत्र विकसित कर रहा है। इसकी परिवहन आवश्यकताओें के लिए डीएफसी रीढ़ की हड््डी साबित होगा।
राजेश खरे, उपमहाप्रबंधक डीएफसी (जनसंपर्क)