Monday 13 July 2015

ग्रीस बेलआउट पर एकमत से हुआ समझौता

नई दिल्ली। ग्रीस डील पर एकमत से समझौता हो गया है। यूरोपियन यूनियन के सदस्य देशों के बीच ग्रीस बेलआउट पर समझौता हो गया है। यूरोपियन यूनियन के प्रेसिडेंट के मुताबिक ग्रीस को लेकर यूरोपियन स्टैबिलिटी मैकेनिज्म यानि ईएमएस प्रोग्राम पर तैयार हो गए हैं। बेलआउट के लिए ग्रीस को 3 शर्तें पूरी करनी होगी। ग्रीस को दिए जाने वाले बेलआउट को लेकर यूरोजोन के वित्त मंत्री जल्द नियम तय करेंगे। ग्रीस के लिए समझौते की शर्तें सख्त होंगी और ग्रीस को इन शर्तों के लिए तैयार रहना होगा। कुछ समय के लिए जीआरईएक्सआईटी सुझाव खारिज कर दिए गए हैं और ग्रीस के लिए फंड बनाया जाएगा। ग्रीस के बैंकों को 2500 करोड़ यूरो मिलेंगे। ग्रीस की संसद को रिफॉर्म को लागू करना होगा। ग्रीस को लेबर मार्केट में रिफॉर्म लाने होंगे और पेंशन रिफॉर्म लाने होंगे। यूरोपियन यूनियन के प्रेसिडेंट ने कहा कि ग्रीस के लिए फंड बनाया जाएगा। ग्रीस को 2500 करोड़ यूरो मिलेंगे लेकिन ग्रीस को बुधवार तक शर्तें माननी होंगी। ग्रीस को शर्तें मंजूर होने के बाद यूरोपियन यूनियन की बैठक होगी। ग्रीस को कुल 8000 करोड़ यूरो की मदद मिलेगी। ग्रीस को 5000 करोड़ यूरो का एसेट फंड दिया जाएगा।
ग्रीस पर हुई यूरोपियन यूनियन की डील के बाद जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा कि ग्रीस की ओर से शर्तें मानने के बाद जर्मनी संसद की बैठक होगी और ग्रीस यूरोजोन से बाहर नहीं जाएगा। मार्च में आईएमएफ का पैकेज खत्म होगा और ग्रीस को आईएमएफ से नए पैकेज की मांग करनी होगी। यूरोग्रुप ईएमएफ प्रोग्राम को आगे बढ़ाएगा और इसके तहत 3 साल में 8600-8700 करोड़ यूरो दिए जाएंगे। एंजेला मर्केल के मुताबिक ग्रीस 1250 करोड़ यूरो निवेश में लगा सकता है। बाकी पैसा बैंकों में जाएगा और कर्ज घटाया जाएगा। ग्रीस को 3500 करोड़ यूरो जंकर फंड से मिलेंगे और ग्रीस के लिए प्लान-बी की जरूरत नहीं होगी। एंजेला मर्केल ने ये भी कहा कि ग्रीस की स्थिति चिंताजनक हैं और ग्रीस में हालात बहुत गंभीर हैं। ग्रीस के प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिप्रास ने कहा कि हमने बहुत कठिन लड़ाई लड़ी है और बैंकों को डिफॉल्ट होने से बचाया है। सिस्टम को डूबने से बचाया है और अब ग्रोथ पटरी पर लाने की कोशिश करेंगे। यूरोपियन यूनियन की नई शर्तों को लागू करना मुश्किल होगा।
ग्रीस के लिए हुए समझौते पर एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वी के शर्मा का कहना है कि ग्रीस के लिए बेलआउट टलने का खतरा अब नजर नहीं आ रहा है। वहीं एलारा कैपिटल के राज भट्ट ने कहा कि यूरोपियन यूनियन की ओर से अच्छा एग्रीमेंट किया गया है जो बाजार के लिए पॉजिटिव साबित होगा। वहीं डीबीएस बैंक की इकोनॉमिस्ट राधिका राव ने कहा कि ग्रीस के लिहाज से काफी अच्छी खबर निकलकर आई है। लेकिन अब एग्रीमेंट की शर्तों पर नजर रहेगी और उम्मीद है कि इस बार बेलआट के नियम सख्त हो सकते हैं। यूरोपियन यूनियन की शर्तें अगर बैंकों के लिए फायदेमंद रहीं तो फिर अगले कुछ दिनों में ग्रीस के बैंक खुल सकते हैं।
के आर चोकसी सिक्योरिटीज के एमडी, देवेन चोकसी का कहना है कि ग्रीस के डेवेलपमेंट से बाजार को राहत मिली है और अब आगे विदेशी फंडों का पैसा भारतीय बाजारों में आएगा। हालांकि अब भी ग्रीस की अनिश्चितता पूरी तहत खत्म नहीं हुई है और अब फैसला ग्रीस की जनता पर है कि वो यूरोपियन यूनियन की शर्तों को सपोर्ट करते हैं या नहीं। क्रॉसब्रिज कैपिटल के चीफ स्ट्रैटेजिस्ट मनीष सिंह का कहना है कि यूरोपियन यूनियन की शर्तें ग्रीस के बैंकों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं, लेकिन इन शर्तों को बुधवार तक ग्रीस की संसद से पारित करवाना जरूरी होगा और फिर यूरोपियन यूनियन की संसद से भी पारित करवाना होगा। लेकिन इस बार ग्रीस के लिए राहत मिलने के आसार नजर आ रहे हैं और ये साफ है कि ग्रीस यूरोजोन से बाहर नहीं होगा। ग्रीस के लिए आई नई शर्तों से भारत समेत सभी उभरते बाजारों को भी फायदा होगा।

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