Friday 17 July 2015

कश्मीर: बादल फटने से लड़की की मौत, हरिद्वार में सड़कें बनीं नदियां, भारी बारिश की चेतावनी

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों में बादल फटने से भीषण तबाही हुई है। बादल फटने से एक लड़की मौत हो गई, जबकि 4 अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। अमरनाथ यात्रा पर असर भी हुआ और यात्रा को रोकना पड़ा। वहीं शेषनाग इलाके में भी बादल फटने से दो घर तहस-नहस हो गए। मौसम विभाग के मुताबिक आज हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, यूपी, पश्चिम बंगाल और नॉर्थ ईस्ट के कई राज्यों में भारी बारिश की संभावना है। उत्तराखंड के लिए मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। गुरुवार को हरिद्वार में भारी बारिश से सड़कों पर पानी भर गया था। कई वाहन भी पानी में फंस गए थे।
हरिद्वार में सड़कें बनीं नदियां, ठहरा जनजीवनधर्मनगरी में गुरुवार को हुई जोरदार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। बारिश का पानी सड़कों पर नदियों की तरह बहा। इससे शहर की अधिकतर सड़कें पानी में डूब गईं। शहर में सुबह 9 से शाम 3 बजे तक 105 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। करीब 10 बजे जोरदार बारिश शुरू हो गई। एक घंटे में ही शहर में जलभराव शुरू हो गया था। दोपहर 12 बजे तक शहर की सड़कों के साथ अधिकतर इलाकों में एक से दो फुट पानी भर चुका था। भगतसिंह चौक से चंद्राचार्य चौक की ओर बरसात का पानी सड़क पर नदी की तरह बहा। ऐसी स्थिति में जो जहां था, वहीं फंसा रह गया। सैकड़ों वाहन सड़कों पर घंटों जाम में फंसे रहे।
स्कूलों से बच्चे भी घंटों विलंब से घर पहुंचे। घरों और दुकानों में भारी पानी भरने से काफी नुकसान होने का अनुमान है। वहीं बरसात तेज होते ही बिजली सप्लाई बंद कर दी गई। शाम चार बजे तक आपूर्ति सुचारू नहीं हो सकी थी। उधर, ग्रामीण क्षेत्रों में बरसाती नदियां उफान पर हैं। लालढांग क्षेत्र की रवासन नदी का जलस्तर बढ़ने से कई बच्चे रास्ते में फंस गए। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा कैंतुरा ने बताया कि चंद्राचार्य चौक के पास करंट से एक युवक की मौत हुई है।
मुख्यमंत्री ने जोड़ दिए थे हाथमाहभर पहले एचडीए में आयोजित समीक्षा बैठक में कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने जलभराव के मुद्दे को मुख्यमंत्री हरीश रावत के समक्ष उठाया तो मुख्यमंत्री ने भी हाथ जोड़ दिए तथा कहा कि इस समस्या के लिए नगर के लोग ही जिम्मेदार हैं। मुख्यमंत्री ने साफ कह दिया कि लोगों ने इतना अतिक्रमण कर रखा है कि पानी सड़कों में नहीं तो कहां बहेगा।

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