Thursday 6 August 2015

डॉ. कलाम का सोशल नेटवर्किंग साइट्स संभालेगा कौन, इसे लेकर विवाद

चेन्नई/नई दिल्ली : भूतपूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की मौत के एक हफ्ते बाद ही उनके कुछ सहयोगियों के बीच जंग छिड़ गई है। इस जंग की मुख्य वजह यह बताई जा रही है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर डॉ. कलाम के ऑफिशियल अकाउंट्स पर किसका कंट्रोल हो? ध्यान रहे कि एपीजे अब्दुल कलाम के निधन के बाद इस बात की घोषणा की गई थी कि सोशल मीडिया पर उनके अकाउंट्स को बंद नहीं किया जाएगा और उसका संचालन उनकी विरासत के रूप में होगा। लेकिन अब जंग इस बात पर छिड़ चुकी है कि आखिर इसका संचालन कौन करे, उनके स्टूडेंट या उनका आधिकारिक दफ्तर?
दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति के नई दिल्ली स्थित कार्यालय से बुधवार को जारी एक बयान में साफ-साफ कहा गया है कि कलाम साहब के साथ एकेडमिक व निजी तौर पर जुड़े रहे सृजन पाल सिंह को मीडिया में और दूसरे सोशल प्लेटफॉर्म पर मिसाइल मैन के बारे में कोई बयान नहीं देना चाहिए।
इस बयान में यह भी कहा गया है कि सृजन पाल सिंह को पहले ही सलाह दी गयी है कि वह पूर्व राष्ट्रपति से व उनकी स्मृति में बनाये गए सभी फेसबुक व ट्विटर अकाउंट को फौरन निष्क्रिय कर दें। दूसरी तरफ सृजन पाल सिंह ने एक अंग्रेजी अखबार से कहा है कि डॉ. कलाम ने हमसे सिर्फ अपने निजी अनुभव ही साझा किये हैं। जब वे जीवित थे, तब उन्होंने मुझे सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर अपने अकाउंट्स को अपडेट करने की जिम्मेवारी सौंपी थी।
ध्यान रहे कि सृजन पाल सिंह का डॉ. कलाम के साथ ‘आखिरी आठ घंटे’ शीर्षक वाला मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। उधर, कलाम के साथ दो दशकों तक वैज्ञानिक सलाहकार के तौर पर जुड़े रहे वी. पोनराज ने कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति के कार्यालय को इस बात से एतराज नहीं है कि एक छात्र के रूप में सृजन पाल सिंह कलाम के साथ अपने अनुभवों को साझा करें, लेकिन सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर उनके अकाउंट्स की देखरेख के लिए पूर्व राष्ट्रपति का दफ्तर है।

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