नई दिल्ली। ललित मोदी प्रकरण और व्यापमं घोटाले पर कांग्रेस सदस्यों के हंगामे एवं नारेबाजी के कारण राज्यसभा की कार्यवाही आज भी बाधित हुयी और बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। सुबह उपसभापति पीजे कुरियन ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद कहा कि उन्हें नियम 267 के तहत कार्य स्थगन के लिए कुल तीन नोटिस मिले हैं। उन्होंने कहा कि पहला नोटिस सपा के नरेश अग्रवाल का है जिन्होंने सांसदों के खिलाफ टिप्पणी पर चर्चा को लेकर नोटिस दिया है। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा कल ही सदन में उठाया जा चुका है। इसलिए इस नोटिस को अस्वीकार किया जाता है।
इसके बाद कुरियन ने कहा कि दूसरा नोटिस माकपा सदस्य टीके रंगराजन का है जो व्यापमं घोटाले और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से जुड़े मुद्दों में जवाबदेही तय करने के लिए प्रधानमंत्री के जवाब पर है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर वह कई बार नोटिस को स्वीकार कर चुके हैं। लेकिन अनुमति देने के बाद भी इस विषय पर चर्चा शुरू नहीं की जा रही है। इसलिए इस नोटिस को भी अस्वीकार किया जाता है। कुरियन द्वारा इस नोटिस को अस्वीकार किए जाने पर माकपा एवं कांग्रेस आदि दलों के सदस्यों ने आपत्ति की। कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि नियमों के अनुसार एक ही विषय पर अलग अलग दिन दिए गए नोटिस को नया माना जाएगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष विभिन्न मामलों में जवाबदेही तय किए जाने की मांग कर रह रहा है। उन्होंने कहा कि इस विषय पर प्रधानमंत्री को प्रतिक्रिया व्यक्त करनी चाहिए। विभिन्न सदस्यों की आपत्ति के बीच कुरियन ने कहा कि अगर रंगराजन चर्चा के लिए प्रस्ताव पेश करते हैं तो वह नोटिस को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने रंगराजन से सवाल किया कि क्या वह इसके लिए तैयार हैं। इस पर रंगराजन ने कहा कि चर्चा के लिए प्रधानमंत्री को यहां होना जरूरी है। कुरियन ने कहा कि प्रस्ताव सशर्त नहीं हो सकता।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि आसन ने बार बार इस विषय पर चर्चा के लिए नोटिस को स्वीकार किया है। लेकिन विपक्ष चर्चा करना ही नहीं चाहता। नकवी ने कहा कि विपक्ष चर्चा शुरू करे, सरकार उसके हर सवाल का जवाब देगी। जदयू के शरद यादव ने कहा कि संसद में हंगामे के बारे में पूंजीपतियों की टिप्पणी से यह आरोप स्पष्ट हो गया है कि यह सरकार पूंजीपतियों और थैलीशाहों की है। उन्होंने इस बात पर आपत्ति की थी कि बाहर बैठे लोग संसद चले या नहीं, इस बारे में कैसे टिप्पणी कर सकते हैं। उनकी बात पर भाजपा के कई सदस्यों ने आपत्ति जतायी। सदन के नेता और अरूण जेटली ने यादव की बात का प्रतिवाद करते हुए कहा कि क्या आम आदमी चाहता है कि संसद नहीं चले। जिसने आपको वोट दिया, क्या वह चाहता है कि संसद नहीं चले।
इसी दौरान कांग्रेस के कई सदस्य सरकार एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आसन के समक्ष आ गए। उधर जदयू, माकपा एवं बसपा के सदस्य अपने स्थानों पर खड़े देखे गए। कुरियन ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत होने की अपील करते हुए कहा कि यह सदस्य जिस तरह से आचरण कर रहे हैं, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि हंगामा कर रहे सदस्यों को सदबुद्धि आएगी। इसके बाद उन्होंने 11 बजकर करीब 20 मिनट पर बैठक 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।