मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को तीन और एफआईआर दर्ज की हैं. इन एफआईआर में 26 लोगों को आरोपी बनाया गया है. सीबीआई के आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सोमवार को दर्ज प्राथमिक में दो पीएमटी को लेकर है और एक पुलिस आरक्षक (कांस्टेबल) भर्ती परीक्षा को लेकर है. पहली प्राथमिकी पीएमटी 2004 को लेकर है, इसमें कुल आठ लोगों को आरोपी बनाया गया है. दूसरी प्राथमिकी पीएमटी 2005 को लेकर है. इसमें 11 लोगों को आरोपी बनाया गया है.
इन मामलों में ग्वालियर के पुलिस थाना झांसी रोड में 19 जुलाई 2014 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी. सीबीआई के मुताबिक, तीसरी प्राथमिकी पुलिस आरक्षक (कांस्टेबल) भर्ती परीक्षा 2012 में हुई गड़बड़ी को लेकर दर्ज की गई है. इसमें सात लोगों को आरोपी बनाया गया है. इस मामले में एसटीएफ ने भोपाल में सात मई 2015 को प्राथमिकी दर्ज की थी.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई जांच कर रही है. एक तरफ जहां वह परीक्षाओं में गड़बड़ी पर प्राथमिकी दर्ज कर रही है, वहीं इस मामले से जुड़े लोगों की मौत के मामलों को भी जांच के दायरे में ले रही है. व्यापम घोटाले में जहां पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा से लेकर व्यापमं के पूर्व नियंत्रक पंकज त्रिवेदी सहित वरिष्ठ अधिकारी व राजनीतिक दलों से जुड़े लोग जेल में हैं, वहीं राज्यपाल रामनरेश या दव पर एसटीएफ ने पूर्व में प्रकरण दर्ज किया था.